बच्चे के जन्म के शुरुआती ६ महीने तक केवल स्तनपान कराया जाता है। जिन बच्चों की माताएँ स्तनपान कराने में असमर्थ होती हैं, उनके मामले में शिशु को केवल फ़ार्मूला दूध दिया जाता है। जब उनके शरीर की प्रणालियाँ और कार्यों में परिपक्वता आने लगती है तब उनको ठोस आहार देना शुरू किया जाता है। अधिकांश बच्चे 6 महीने की उम्र तक पहुँचते-पहुँचते ठोस आहार खाने के लिए तैयार हो जाते हैं। ऐसे में 6 महीने के शिशु के लिए केले को अच्छे से मैश करके खिलाना शुरू करना शिशु के स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभकारी होता है।
आइये जानते है 6 महीने के शिशु को केला खिलाने से क्या लाभ होते है:
1.केले में बहुत से महत्वपूर्ण पोषक तत्व जैसे विटामिन बी 6 और बी 12 की उच्च मात्रा, मैग्नीशियम, पोटेशियम और फाइबर तथा प्रोटीन उपस्थित होने के कारण आपके शिशु के स्वास्थ्य की दृस्टि से बहुत लाभकारी माना जाता है।
2.केले में अनेक प्रकार के खनिजों और विटामिन्स ए, बी 6, बी 12 साथ ही फोलेट का मिश्रण पाया जाता है जिससे बच्चों में पोषक तत्व की कमी नहीं होती है और वह हाइपोकैलेमिया नामक बीमारी का शिकार होने से बच जाते हैं।
3.केला लो फैट और ग्लूकोज़ से युक्त होने के कारण आपके शिशु के ब्रेन पावर और आइसाइट को स्ट्रॉंग बनाता है और आयरन से युक्त होने के कारण अधिक रेड सेल्स बना कर आपके शिशु को एनीमिया से दूर रखता है।
4. बच्चों को एक्टिव रहने के लिए उनको एनर्जी की बहुत जरूरत होती है क्योकि एनर्जी की कमी के कारण वह अच्छे से खेल-कूद नहीं पाते हैं। ऐसे में एनर्जी देने के सबसे पहला विकल्प केला ही होता है।
5.केला एक ऐसा फल है जो आसानी से कही भी मिल जाता है साथ ही इसको छीलने के बाद धोने की भी जरूरत नहीं होती है बस इसको मेश करके तुरंत बच्चे की भूख के अनुसार उसको दे सकते हैं।
6.जैसे-जैसे आपका शिशु बढ़ता है, आप केले को उसके महत्वपूर्ण आहार के रूप में दे सकते हैं । जब तक आपका शिशु 9 महीने का नहीं हो जाता, तब तक उसे अ मसला हुआ केला देना चाहिए । 9 महीने के बाद आप उसे छोटे छोटे टुकड़ों में काट भी दे सकते हैं।
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