रावणग्राम मध्य प्रदेश
मध्यप्रदेश के विदिशा जिले में एक गांव है, जहां राक्षसराज रावण का मंदिर बना हुआ है। यहां रावण की पूजा होती है। यह रावण का मध्यप्रदेश में पहला मंदिर था। मध्यप्रदेश के ही मंदसौर जिले में भी रावण की पूजा की जाती है। मंदसौर नगर के खानपुरा क्षेत्र में रावण रूण्डी नाम के स्थान पर रावण की विशाल मूर्ति है। कथाओं के अनुसार, रावण दशपुर (मंदसौर) का दामाद था। रावण की धर्मपत्नी मंदोदरी मंदसौर की निवासी थीं। मंदोदरी के कारण ही दशपुर का नाम मंदसौर माना जाता है।
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बैजनाथ कस्बा , हिमाचल प्रदेश
हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में शिवनगरी के नाम से मशहूर बैजनाथ कस्बा है। यहां के लोग रावण का पुतला जलाना महापाप मानते है। यहां पर रावण की पूरी श्रद्धा के साथ पूजा-अर्चना की जाती है। मान्यता है कि यहां रावण ने कुछ साल बैजनाथ में भगवान शिव की तपस्या कर मोक्ष का वरदान प्राप्त किया था।

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जोधपुर का मंदोर
इस जगह दशानन रावण ने मंदोदरी से शादी रचाई थी। यहां रावण का बड़ा ही भव्य मंदिर भी स्थित है, जहां उनकी पूजा-अर्चना की जाती है। ऐसा कहा जाता है कि मंदोदरी के नाम पर ही इस जगह का नाम मंदोर पड़ा।

दशानन , उत्तर प्रदेश
उत्तरप्रदेश के प्रसिद्ध शहर कानपुर में रावण एक बहुत ही प्रसिद्ध दशानन मंदिर है। कानपुर के शिवाला इलाके के दशानन मंदिर में शक्ति के प्रतीक के रूप में रावण की पूजा होती है तथा श्रद्धालु तेल के दिए जलाकर रावण से अपनी मन्नतें पूरी करने की प्रार्थना करते हैं। कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण 1890 किया गया था। रावण के इस मंदिर के साल के केवल एक बार दशहरे के दिन ही खोले जाते हैं। परंपरा के अनुसार, दशहरे पर सुबह मंदिर के दरवाजे खोले जाते हैं। फिर रावण की प्रतिमा का साज श्रृंगार कर, आरती की जाती है और शाम को मंदिर के दरवाजे एक साल के लिए बंद कर दिए जाते हैं।
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काकीनाडा, आंध्र प्रदेश
काकीनाडा बेहद सुंदर जगह है और यहां स्थित रावण का मंदिर भी बेहद दर्शनीय है। इस मंदिर में एक विशालकाय शिवलिंग है। कहते हैं कि इसे स्वयं रावण ने स्थापित किया था। इस मंदिर के प्रांगण में रावण की करीब 30 फीट लंबी मूर्ति है। स्थानीय मछुआरे इस मंदिर की देखभाल करते हैं।

बिसरख, उत्तर प्रदेश
ग्रेटर नोएडा के पास स्थित इस गांव में रावण का बचपन बीता था, यहां रावण के गुणों का बखान किया जाता है। यहां विजयादशमी के दिन शोक जैसा माहौल रहता है । बिसरख के लोगों का कहना है कि यह जगह कभी रावण का गांव हुआ करती थी, जिसका जिक्र शिवपुराण में भी हुआ है। यहां स्थित शिव मंदिर में रावण की प्रतिमा भी मौजूद है, जिसकी बड़े विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है। ऐसा माना जाता है कि इसी मंदिर में भगवान शिव ने रावण की तपस्या से खुश होकर उसे दर्शन दिये थे। यही कारण है कि इस गांव में कभी भी रावण का पुतला जलाया नहीं जाता है।
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मालवल्ली तालुका , कनार्टक
कर्नाटक के मंडया जिले के मालवल्ली तालुका नामक स्थान पर रावण का मंदिर बना हुआ है, जहां लोग उसे पूजते हैं। इसके अलावा कर्नाटक के कोलार में भी लोग शिवभक्त के रूप में रावण की पूजा करते हैं।

मंदसौर, मध्य प्रदेश
मंदसौर मध्यप्रदेश का एक जिला है, जिसका प्राचीन नाम दशपुर है। कहते हैं कि त्रेतायुग में लंका के राजा रावण की पत्नी मंदोदरी का मायका मंदसौर में था यानी कि रावण मंदसौर का दामाद था। यहां के खानपुरा इलाके में रावण की प्रतिमा स्थापित है और नामदेव समुदाय अपनी प्राचीन मान्यताओं के चलते इसकी पूजा करता है। उनका मानना है कि रावण की पूजा से उनके समाज में फैली बीमारियों से उनकी रक्षा होगी और वे उन पर किसी भी तरह की आंच नहीं आने देंगे।
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