सावन का महीना भगवान शिव की पूजा के लिए विशेष होता है। सावन के महीने में भगवान शिव की पूजा और आराधना का मतलब होता है भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करना। और यही कारण है कि सावन के महीने में भगवान शिव की जोरों शोरों से पूजा अर्चना की जाती है। आप सभी ने कई शिव मंदिर के बारे में सुना होगा लेकिन आज हम आपको ऐसे रहस्यमयी शिव मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं इनके बारे में शायद आपने न सुना हो।
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गढ़मुक्तेश्वर स्थित प्राचीन गंगा मंदिर:
गढ़मुक्तेश्वर स्थित गंगा मंदिर बहुत ही प्राचीन शिव मंदिर है जो कई रहस्यों से जुड़ा हुआ है। और इसका रहस्य आज तक कोई नहीं समझ पाया। इस मंदिर में स्थित शिवलिंग पर हर वर्ष एक अंकुर उभरता है। इस मंदिर का यह रहस्य है जिसे जानने की बहुत कोशिश की गई कि आखिर ऐसा क्यों हैं लेकिन कोई इसके बारे में नहीं जान पाया। साथ ही जब भी ये अंकुर फूटा तब इसमें से कई देवी देवताओं की मूर्ति निकली। यहाँ तक की इस मंदिर की सीढ़ी पर अगर पत्थर फेंका जाता है तो ऐसा प्रतीत होता है जैसे पानी में किसी ने पत्थर फेंका हो।

टिटलागढ़ उड़ीसा कुम्हड़ा पहाड़ स्थित शिव मंदिर:
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यह मंदिर बहुत प्राचीन है। उड़ीसा का यह क्षेत्र बहुत ही गर्म माना जाता है और यहाँ पर स्थित कुम्हड़ा पहाड़ बहुत प्राचीन है जहाँ एक शिव मंदिर है। इतनी गर्मी होने के बाद भी मंदिर में यह महसूस ही नहीं होता कि गर्मी है। बल्कि मंदिर में बहुत अधिक ठण्ड रहती है। मंदिर के बाहर खड़े होना स्वयं में एक चुनौती है लेकिन मंदिर के अन्दर जाते ही ठंडी हवाओं का अहसास होता है। यह ठण्ड मंदिर परिसर में ही होती है मंदिर से बाहर आते ही भक्तों को प्रचंड गर्मी का सामना करना पड़ता है।

तमिलनाडु में स्थित ऐरावतेश्वर मंदिर:
चोल राजाओं द्वारा इस मंदिर का निर्माण करवाया गया था। यह मंदिर प्राचीन और अद्भुत है। यहाँ की सीढ़ियों पर संगीत सुनाई देता है। इस मंदिर की विशेषता यह है कि इस मंदिर में तीन सीढियाँ हैं जिन पर थोड़े जोर से पैर रखने पर अलग-अलग प्रकार का संगीत सुनाई देता है। कोई भी इस संगीत के पीछे का रहस्य नहीं जान पाया। यह मंदिर भगवान् शिव को समर्पित है और हर यहाँ लोगों की भीड़ उमड़ती है।

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बांगरमऊ उन्नाव बोधेश्वर महादेव मंदिर:
यह मंदिर कई कथाओं से भरा हुआ है जो बहुत रहस्यमयी हैं। नेवल राजा ने यह मंदिर बनवाया था और ऐसा माना जाता है भगवान् शिव ने यह मंदिर बनवाने के लिए राजा को बोध करवाया था। और इसके बाद ही इस मंदिर का निर्माण करवाया गया। ऐसा माना जाता है कि जब मंदिर के लिए भगवान् शिव, नंदी एवं नवग्रह को रथ से लाया जा रहा था तब राजधानी में आते ही वह रथ भूमि में धसने लगा था कई प्रयासों के बाद भी उस रथ को निकाला नहीं जा सका। और राजा को उसी जगह पर मंदिर का निर्माण करवाना पड़ा। यहाँ लोगों को कई बिमारियों से निजात मिलता है। यह मंदिर बहुत ही अद्भुत है।

तमिलनाडु का बृहदीश्वर मंदिर:
तमिलनाडु में स्थित यह बृहदीश्वर मंदिर रहस्यमयी मंदिर है। इस मंदिर का निर्माण एक पत्थर के द्वारा ही किया गया था। इस मंदिर के मुख्य प्रवेश द्वार पर नंदी स्थित हैं। इस मंदिर का आर्किटेक्ट बहुत ही शानदार है। यहाँ जब मंदिर की लाइट बंद हो जाती है तब भी भोले शंकर के दर्शन करना संभव होता है। सूर्य की रोशनी सीधे नंदी बाबा को समर्पित होती है। और इसी का रिफ्लेक्शन भगवान् शिव पर सीधा पड़ता है। और इसलिए भगवान् शिव साफ़ नज़र आते हैं।

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छत्तीसगढ़ का भूतेश्वर मंदिर:
छत्तीसगढ़ का भूतेश्वर मंदिर बेहद प्राचीन और रहस्यमयी मंदिरों की सूचि में आता है। इस मंदिर में स्थित शिवलिंग का आकार हर दिन 6 से 8 इंच तक बढ़ता है साथ ही शिवलिंग में प्रकृति प्रदत्त जल की धरा या लहरी भी दिखाई पड़ती है। यहाँ सावन के समय तो भक्तों का मेला लगा रहता है। और मान्यता है कि इस जगह भगवान् शिव और पार्वती माता भ्रमण करने आये थे।

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तो ये हैं भारत के 6 ऐसे शिव मंदिर जो रहस्यमयी हैं एवं यहाँ सावन के महीने में भक्तों का ताँता लगा रहता है। दूर-दूर से लोग यहाँ भगवान् शिव के दर्शन करने आते हैं।