नवजात शिशु की मालिश करना प्राचीन कालों से सबसे आम अनुष्ठानों में से एक माना जाता है। एक बच्चे को नहाने से पहले या रात में सोने से पहले की मालिश का बहुत महत्व होता है क्योकि पौष्टिक तेल त्वचा को नरम और कोमल बनाये रखने के अलावा अनेकों स्वास्थ्य लाभ नहीं देते हैं । मालिश से कई प्रकार के स्वास्थ्य लाभ होते हैं और यह बच्चे के शरीर के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। शिशु की अच्छे गुणवत्ता वाले ऑर्गेनिक या आयुर्वेदिक तेल से मालिश करने से उसकी हड्डियों, मांसपेशियों और त्वचा को कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं। देखा जाए तो बाजार में अनेकों तेल उपलब्ध है शिशुओं की मालिश के लिए, परन्तु अच्छे और लाभदायक तेल का चयन सावधानी से करना आवश्यकता होता है ताकि आपके शिशु को सही देखभाल प्राप्त हो सके।
आइये जानते हैं किस प्रकार के तेलों का चयन शिशुओं की मालिश के लिए करना उचित होता है :
1.जब शिशु बीमार, कर्कश या भूखा हो तो अपने शिशु की मालिश करने से बचना चाहिए। इसके अलावा, जिस दिन शिशु को इंजेक्शन या ठीके लगे हो तो उस दिन और उस क्षेत्र में मालिश करने से बचे क्योकि शिशु को दर्द हो सकता है।
2. एक आयुर्वेदिक या जैविक तेल चुनें जो बच्चों के लिए बनाया गया हो। शिशु की नाजुक त्वचा के लिए आमतौर पर वयस्कों के उपयोग में आने वाला तेल अधिक स्ट्रांग होता है जो उनकी नाजुक त्वचा को नुक्सान पंहुचा सकता है। इसके अलावा, खुशबू वाले तेलों से भी शिशुओं को बचना चाहिए क्योकि कई नवजात शिशुओं को अधिक खुसबू वाले तेलों से एलर्जी हो सकती है।
3. कोल्ड-प्रेस्ड ऑर्गेनिक तेलों जैसे नारियल तेल, बादाम का तेल, सूरजमुखी, अंगूर या जैतून के तेल का उपयोग करें क्योंकि ये बिना किसी मिलावट के अपने प्राकृतिक रूप में पाए जाते हैं। ये तेल शुद्ध रूप में पाए जाते हैं और इनमें कोई संरक्षित रसायन नहीं होता है।
4. नारियल के तेल को गर्मियों के मौसम में सबसे अच्छा मालिश करने वाला तेल माना जाता है क्योंकि इसका शरीर पर ठंडा प्रभाव पड़ता है
5. गर्मियों में नारियल के तेल का उपयोग शिशु की मालिश करने का सबसे बेहतर तरीका मन जाता है क्योंकि इसका यह शीतल प्रभाव का होता है, बनावट में हल्का होता है और त्वचा में आसानी से अवशोषित हो जाता है। एंटी-फंगल और एंटी-बैक्टीरियल होने के कारण, आप निश्चिंत हो सकते हैं कि नारियल का तेल आपके बच्चे की त्वचा को कोई नुक्सान नहीं पहुचायेगा ।
6. बादाम के तेल को किसी भी मौसम में शिशु की मालिश के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है क्योंकि यह विटामिन ई से भरपूर होता है। इसके साथ इसमें बहुत अच्छी खुशबू भी आती है साथ ही यह आपके शिशु की त्वचा को मुलायम और कोमल बनाता है।
7. यदि शिशु की त्वचा संवेदनशील है तो ऐसे में जैतून के तेल का इस्तेमाल बहुत ही लाभकारी होता है इसके प्रयोग से शिशु की त्वचा चमकदार भी बनती है।
8. सर्दियों के समय में सरसों का तेल शिशु की मालिश के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है । उत्तर भारत में, कई लोग सरसो के तेल में थोड़ा लहसुन या मेथी के बीज को गर्म करके और फिर इसे ठंडा करके शिशु की मालिश का परामर्श देते हैं जिससे शिशु को सर्दी का एहसास कम होता है।
9. जैतून का तेल माताओं के बीच में अपने शिशु की मालिश का एक लोकप्रिय विकल्प प्राचीन काल से रहा है। हालांकि, यदि आपके शिशु की त्वचा संवेदनशील है या उसको कोई अन्य त्वचा से सम्बंधित समस्या है तो ऐसे में इस तेल का उपयोग न करना ही बेहतर होगा।