आज के समय में व्यक्ति कई प्रकार की बिमारियों से ग्रसित है। व्यक्ति बीमार होने पर बहुत से तरीके अपनाता है उस बीमारी से निजात पाने के लिए, लेकिन व्यक्ति उस बीमारी को होने से पहले रोकने के बारे में नहीं सोचता। यह बात सही है कि हमें नहीं पता होता कि हमें कौन सी बीमारी कब हो जाये लेकिन हर बीमारी को योग के सहारे रोका जा सकता है इसलिए योग को अपनी आदत बना लें। आज हम बात करने वाले हैं ऐसे योगासन जो अर्थराइटिस के लक्षणों से दिला सकते हैं राहत के बारे में। ये योगासन वैसे तो हर बीमारी से ही निजात दिलाते हैं और इनके द्वारा बड़ी से बड़ी बीमारी दूर होती है।
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योगासन जो अर्थराइटिस के लक्षणों से दिला सकते हैं राहत:
सूर्य नमस्कार:
सूर्य नमस्कार एक ऐसा आसन है जो हर प्रकार की बीमारी से निजात दिलाता है यह 12 स्थितियों में पूर्ण होता है जैसे: प्रणाम आसन, हस्त उत्तनासन, पद हस्तासन, अश्व संचालनासन, दंडासन, अष्टांग नमस्कार आसन, भुजंगासन, अधो मुख श्वानासन, अश्व संचालनासन, पद हस्तासन (आगे की ओर झुकना), हस्त उत्तनासन, प्रणाम आसन। इन 12 मुद्राओं के बाद सूर्य नमस्कार का एक चरण पूरा होता है। अगर इसे 12 बार प्रतिदिन किया जाये तो किसी प्रकार की बीमारी नहीं होती। यह शामिल है योगासन जो अर्थराइटिस के लक्षणों से दिला सकते हैं राहत की सूचि में।

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बालासन:
योगासन जो अर्थराइटिस के लक्षणों से दिला सकते हैं राहत में बालासन भी शामिल है अतः इससे कई और रोग भी नष्ट होते हैं जैसे मोटापा, शुगर इत्यादि। इसको करने की विधि इस प्रकार है:
- सबसे पहले जमीन पर बैठें और वज्रासन मुद्रा में आयें।
- आगे की ओर झुकते हुए सिर को जमीन से लगायें।
- अपने हाथों को आगे की तरफ फैलायें और सिर के बिल्कुल सामने रखें।
- हथेलियाँ जमीन से मिली होना चाहिए।
- निरंतर लंबी और गहरी सांस लें।
- कुछ सेकेंड के लिए इसी आसन में बने रहें।

इस प्रकार इस बालासन को करें। और इसका लाभ उठायें।
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सेतुबंधासन:
योगासन जो अर्थराइटिस के लक्षणों से दिला सकते हैं राहत की सूचि में यह आसन भी आता है तो देखते हैं कैसे किया जाये इस आसन को:
- पीठ के बल लेटें और घुटनो को मोड़ लीजिये।
- हाथों को शरीर के बाजु में रखें और हथेलियाँ ज़मीन पर रखें।
- सांस लेते हुए धीरे से अपने नीचे वाले शरीर को ज़मीन से थोड़ा ऊपर उठायें।
- शरीर के वजन को कंधों और पैरों पर रखें।
- शरीर के निचले हिस्से को स्थिर करें। दोनों जांघ एक साथ हों।
- या अपने हाथों को ज़मीन पर रखें या अपनी कमर के सहारे के लिए हाथों का इस्तेमाल करें।
- इस आसन में 1-2 मिनट तक रहने का प्रयास करें और सांस छोड़ते हुए आसन से बाहर आ जायें।

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वीरभद्रासन:
इस आसन के कई फायदे हैं जैसे यह आसन पैरों को मजबूत और टोन करने में सहायक है। इसके अलावा योगासन जो अर्थराइटिस के लक्षणों से दिला सकते हैं राहत की सूचि में भी इस योगासन को महत्वपूर्ण माना गया है। चलिए जानते हैं इस आसन को करने की विधि:
- पैरों को 3 फीट की दूरी पर रखकर खड़े हो जायें।
- अब बाएं पैर को थोड़ा बाहर की तरफ निकालें।
- अपनी बाजुओं को उठाकर ऐसे रखें कि वे जमीन के समानांतर हों।
- शरीर को बाईं तरफ मोड़ें और लंज की अवस्था में आयें।
- दस सेकंड के लिए इस ही आसन में बने रहें।

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वृक्षासन:
इस आसन से सबसे ज्यादा फायदा हड्डियों को होता है और कई बिमारियों की रोकथाम में सहायक होता है वृक्षासन। तो जानते हैं इसको करने की विधि के बारे में:
- सीधे खड़े हो जायें और अपने पैरों को आस-पास ही रखें।
- अपने दाए पैर को जमीन से थोडा ऊपर उठाकर बाएं पैर की जांघ पर रखिये।
- हथेलियों को प्रणाम की मुद्रा में अपने सीने के पास ले आयें।
- कमर को सीधा रखें और संतुलन बनाने का प्रयास करें।
- कुछ सेकंड इसी मुद्रा में बने रहें।
- इसी तरह दूसरे पैर के साथ इस आसन को दोहराएं।

तो ये सभी योगासन बहुत ही महत्वपूर्ण है। योगासन जो अर्थराइटिस के लक्षणों से दिला सकते हैं राहत की सूचि के अंतर्गत ये सभी आसन आते हैं। और ये सभी आसन बहुत ही आसानी से किये जा सकते हैं। लेकिन एक बात का विशेष ध्यान रखें कि ये सभी आसन अगर आप सुबह के समय करेंगे तो फायदेमंद होगा। इन आसनों के लिए आप इस विडियो की सहायता ले सकते हैं: