नमस्कार! दोस्तों आज के इस आर्टिकल में जानें क्या प्रेगनेंसी के दौरान एंटीबायोटिक लेना सेफ है? जो महिलाएं गर्भवती होती हैं उनके मन में अकसर यह सवाल होता है कि क्या उन्हें एंटीबायोटिक दवाइयां लेनी चाहिएं या फिर नहीं। यहां आपको बता दें कि एंटीबायोटिक्स को अगर सावधानीपूर्वक ना लिया जाए तो उनसे गर्भवती महिलाओं को साइड इफेक्ट हो सकते हैं। अगर आप भी प्रेग्नेंट है तो आज के इस आर्टिकल में जानें क्या प्रेगनेंसी के दौरान एंटीबायोटिक लेना सेफ है?
एंटीबायोटिक्स क्या होती हैं?
यहां सबसे पहले हम आपको जानकारी दे दें कि एंटीबायोटिक्स एक प्रकार की मेडिसन है जिसका काम व्यक्ति के शरीर में मौजूद बैक्टीरिया और संक्रमण से लड़ना होता है। इन्हें क्रीम, स्प्रे, मरहम, इंजेक्शन या फिर मौखिक रूप से इस्तेमाल किया जाता है।
प्रेगनेंसी में एंटीबायोटिक्स की जरूरत कब होती है
यहां आपको बता दें कि गर्भवती महिलाओं को कई तरह के संक्रमण का खतरा बना रहता है जैसे कि यूरिनरी ट्रैक्ट इनफेक्शन, नाक, कान के अलावा गले का संक्रमण इत्यादि। तो ऐसे में डॉक्टर उन्हें इन बीमारियों में एंटीबायोटिक दवाओं का सेवन करने के लिए कह सकते हैं। इसके अलावा प्रेग्नेंट महिलाओं को निम्नलिखित समय पर भी डॉक्टर एंटीबायोटिक दवाइयां देते हैं –
- इंट्रापार्टम बुखार
- न्यूनेटल ग्रुप बी
- स्ट्रेप्टोकोकस फीवर
- सिजेरियन सेक्शन में
क्या प्रेग्नेंसी के समय एंटीबायोटिक्स लेना सेफ होता है?
अब सवाल यह है कि क्या एक गर्भवती महिला गर्भावस्था के दौरान एंटीबायोटिक ले सकतीं हैं तो इसका जवाब है हां, लेकिन यहां आपको बता दें कि डॉक्टर केवल कुछ विशेष एंटीबायोटिक दवाइयों को ही लेने की सलाह देते हैं। साथ ही साथ बताते चलें कि सभी तरह की एंटीबायोटिक्स प्रेगनेंसी के दौरान बिल्कुल भी नहीं ली जा सकती, केवल 10% ही ऐसी एंटीबायोटिक्स है जो सुरक्षित मानी गई हैं।
इसके अलावा आपको यह जानकारी भी दे दें कि अगर महिलाएं प्रेगनेंसी के दौरान इन दवाइयों का उपयोग कर लेती हैं तो इनका उनके होने वाले बच्चे पर काफी बुरा प्रभाव पड़ता है।
प्रेगनेंसी में एंटीबायोटिक्स से होने वाले नुकसान
जो महिलाएं गर्भावस्था में डॉक्टर की सलाह के बिना एंटीबायोटिक्स लेती हैं उन्हें इसके कुछ नुकसान भी हो सकते हैं जैसे कि –
- फेस, लिप्स और जुबान पर सूजन
- तेज़ दिल की धड़कन
- आंतों से जुड़ी हुई परेशानियां
- कुछ स्थितियों में मृत्यु भी हो सकती है।
प्रेगनेंसी में एंटीबायोटिक्स से शिशु को नुकसान
कोई प्रेग्नेंट महिला एंटीबायोटिक्स का इस्तेमाल करती है तो उसे तो नुकसान होता ही है साथ ही साथ उसके शिशु पर भी इसके प्रभाव पड़ सकते हैं जैसे कि –
- बच्चे में जन्मजात असमानताएं हो जाती है जैसे कि कटे होंठ या तालू, ग्रास नली का पूर्ण रूप से विकास ना होना आदि।
- होने वाले बच्चे को मोटापे की समस्या हो सकती है।
- नवजात शिशु की आंतों में परेशानी हो सकती है और साथ ही साथ उसे बैक्टीरिया का संक्रमण भी होने का खतरा बन जाता है।
- शिशु के मस्तिष्क पर भी इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ता है जिसकी वजह से उसके मस्तिष्क का विकास बहुत ही धीमी गति से होता है।