मां-बाप बनने के बाद हर किसी का सपना होता है कि वो अपने बच्चे को हर सुख-सुविधा दे सके। उसके लालन-पालन में किसी भी प्रकार की कोई कमी ना हो साथ ही अपने बच्चे को एक अच्छी परवरिश दे सकें. ताकि आने वाले कल में बच्चा संस्कारी बने। यदि आप भी अपने बच्चे को एक अच्छी परवरिश देना चाहते है तो ये ये टिप्स फोलो कर सकते है…
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बच्चों के साथ क्वॉलिटी टाइम बिताएं
अगर आप अभी नए-नए माता-पिता बने है और बच्चे की अच्छी परवरिश करना चाहते है तो सबसे जरूरी है बच्चे के साथ क्वॉलिटी टाइम बिताएं। बच्चों के साथ टाइम बिताने से ही मां-बाप बच्चों की हाव-भाव को समझने में कामयाब होते है जो कि आगे चल कर बच्चे और पेरेंटस के बीच में अच्छी बॉन्डिग बनाता है। शुरूआती दिनों से ही उसके साथ खेले. जैसे-जैसे वो बड़ा होता है उससे बात करते रहे. ऑफिस से आने के बाद मोबाइल पर विडियो देखने और ऑफिस की बात करने की बजाय कुछ टाईम के लिए ही सही अपने बच्चों से बात जरूर करें। उसे पूछे आज दिन-भर उसने क्या किया. स्कूल में क्या हुआ. विकेंड और छुट्टी के दिनों में बच्चों को बाहर ले कर जाएं और ज्यादा से ज्यादा समय बच्चे के साथ बिताये। अगर आप ऐसा करते है तो निश्चित ही आप अपने बच्चे के काफी क्लोज रहेंगे, अपने बच्चे को अच्छे से समझ सकेंगे।
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घर का माहौल सही बनाएं
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बच्चे वो नहीं सीखते जो आप सिखाना चाहते है बल्कि बच्चे वो सीखते है जो वो देखते है। इसलिए अच्छी परवरिश के लिए जरूरी है कि घर का माहौल सही रखना चाहिए । जिस घर में सभी एक दूसरे से प्यार से बात करते है उस घर के बच्चे भी प्यार से ही बात करते है। घर में सबको सम्मान देना चाहिए। एक दूसरे की सुननी चाहिए और जरूरत अनुसार सभी को अपनी बात रखने की आजादी भी होनी चाहिए। घर का माहौल ऐसा होना चाहिए जहां अपने आप बुद्धि का विकास हो। ऐसा कोई काम बच्चे के सामने नहीं करना चाहिए जो आप बच्चे को करता हुआ नहीं देखना चाहते । चाहे वो नशा आदि हो या कोई और बुरी लत. बच्चों के सामने गुटखा-पान तंबाकु, शराब आदि का सेवन करने नहीं करना चाहिए । गाली वगैरा बिल्कुल नहीं देना चाहिए क्योंकि आज आपको देखते हुए कल उसे भी यह सब करके कि इच्छा होगी। बच्चों की कल्पना को समझने की कोशिश करते रहनी चाहिए. समय-समय पर घर परिवार में होने वाले त्योहार-समारोह आदि में बच्चे को जिम्मेदारियां देनी चाहिए जिससे समय के साथ-साथ बच्चा सामाजिक काम में हिस्सा ले सके और अपना बेस्ट दे कर लीडर बन सके।
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बच्चे की जरुरत को जाने
अक्सर माता-पिता चाहते है कि उसका बच्चा कामयाब हो। इसके लिए वो अपने बच्चे के पैदा होने के साथ ही उसके कल के बारे में सोचने लगते है कि बच्चे को बड़ा होने पर ये बनाऐंगे वो बनाऐंगे । लेकिन अधिकतर माता-पिता यह ध्यान देने कि गलती कर देते है कि उनका बच्चा क्या करना चाहता है। अपने बच्चे पर शुरु से ध्यान देना चाहिए उसकी हरकतों को नोटिस करना चाहिए कि वो किस चीज में कुशल है जैसे डांस, म्यूजिक, स्पोर्टस, पढाई या किसी अन्य चीज में. जिस चीज में वो अच्छा कर रहा हो उसे उसी चीज में उसे आगे ले जाना चाहिए। एक बच्चे की सफल होने में सबसे बड़ा हाथ माता-पिता का ही होता है ।जो मां-बाप समय पर ही बच्चे की प्रतिभा पहचान लेते है वहीं बच्चा आगे चल कर सफल हो जाता है। और जो पेरेंट्स अपने बच्चों पर खुद के शौक थोपते है वो बच्चा कभी सफल नहीं हो पाता, वो कभी खुश नहीं रहता ।
गुस्से की जगह प्यार से बात करें
कई बार ऐसी परिस्थितियां बन जाती है जिससे पेरेंट्स बच्चों पर चिल्ला पड़ते है या गुस्सा करते है । इसका सबसे बुरा असर बच्चे के मानसिक विकास पर पड़ता है क्योंकि गुस्सा करना बच्चे के दिमाग में एक डर बैठ जाता है जिसके कारण बच्चा दुबारा वो बात नहीं कर पाता कभी भी बच्चे से बात करते समय उसे अच्छे से सुनना चाहिए और उसे समझने की कोशिश करनी चाहिए अगर वो ऐसा बोल रहा है तो क्यों बोल रहा है और अगर फिर भी लगे कि नहीं आपका बच्चा गलत है तो उसे प्यार से समझाए कि कैसे वो गलत है। ऐसा करने से बच्चा वो गलती समझेगा भी और आगे से वही गलती करने से बचेगा ।
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जिद्दी ना बनने दें
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बच्चे को खुश करने का मतलब यह नहीं की माता-पिता उसकी सब बात माने जो पेरेंट्स बच्चों की सब मांग को पूरा करते रहते है आगे चल कर वो बच्चे जिद्दी बन जाते है । माता-पिता को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि बच्चा क्या मांग रहा है । उसकी मांग सही है कि नहीं । मांग सही ना होने पर बच्चे को डांटने की बजाय प्यार से समझाना चाहिए क्यों उसकी मांग सही नहीं है । बढती उम्र के साथ बच्चे शैतानी और जिद्द करते ही है उस समय मा-बाप को काफी संयम के साथ बच्चों को समझाना चाहिए ।
यदि आप निम्न बातों का ध्यान रखते है तो निश्चित ही आप अपने बच्चों को एक अच्छी परवरिश देने में सफल होंगे ।