यौन संचारित रोग (एसटीडी) ऐसा संक्रमण हैं जो यौन संपर्क के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे में पहुँचता है। कुछ एसटीडी गैर-नशीली दवाओं की सुइयों के उपयोग से भी फैल सकते हैं, जो माँ द्वारा बच्चे के जन्म के समय से लेकर या स्तनपान के दौरान, और रक्त संक्रमण के दौरान भी संक्रमण फैला सकते हैं। अधिकांशतः देखा गया है कि जननांग क्षेत्र आमतौर पर नम और गर्म वातावरण के कारण , यीस्ट, वायरस और बैक्टीरिया के विकास को अधिक तेजी से फैलने का अवसर प्रदान करते है। एसटीडी संक्रमण योनि, गुदा और मुख मैथुन के द्वारा भी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में प्रवेश कर सकता है। एसटीडी काफी हद तक खतरनाक हो सकता है, लेकिन सही समय पर इसका पता लगने पर अधिकांश एसटीडी का इलाज सम्भव है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) का अनुमान है कि वैश्विक स्तर पर प्रत्येक दिन 1 मिलियन से अधिक नए एसटीडी से जुड़े मामले सामने आते हैं।
कई अलग-अलग प्रकार के संक्रमण यौन संचारित हो सकते हैं।
कुछ आम एसटीडी नीचे वर्णित हैं। कुछ आम एसटीडी से जुडी बीमारियां निम्नलिखित है:
क्लैमाइडिया:
क्लैमाइडिया एक एसटीडी का उदाहरण है जो क्लैमाइडिया ट्रैकोमैटिस (सी ट्रैकोमैटिस) जीवाणु के कारण फैलता है। यह जीवाणु केवल मनुष्यों में संक्रमण फैलाता है। क्लैमाइडिया विश्व स्तर पर जननांग और नेत्र रोगों का सबसे आम संक्रामक कारण माना जाता है। क्लैमाइडिया से ग्रषित महिलाओं में आमतौर पर इसका लक्षण नहीं दिखता है, परन्तु नीचे दिए गए लक्षण इसमें शामिल हो सकते हैं:
मूत्राशय में संक्रमण
योनि स्राव में परिवर्तन
पेट के निचले हिस्से में हल्का दर्द रहना
यदि कोई व्यक्ति क्लैमाइडिया से ग्रषित है और उसका उपचार नहीं होता, तो इसकी वजह से निम्नलिखित लक्षण दिख सकते हैं :
पेडू में दर्द रहना
संभोग के समय दर्द होना
मासिकधर्म के बीच खून आना
एचपीवी (मानव पेपिलोमावायरस):
मानव पेपिलोमावायरस (एचपीवी) एक प्रकार का वायरस है, यह अंतरंग त्वचा-से-त्वचा या यौन संपर्क के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे में पहुँचता है। इस वायरस के कई अलग-अलग उपभेद होते हैं। कुछ दूसरों की तुलना में अधिक खतरनाक साबित हैं।एचपीवी का सबसे आम लक्षण जननांगों, मुंह या गले पर मस्सों का होना है।एचपीवी संक्रमण के कुछ उपभेदों द्वारा कैंसर होने की सम्भावना भी होती है, जिनमें ओरल कैंसर,गले का कैंसर और मलाशय का कैंसर शामिल हैं। हालांकि एचपीवी के अधिकांश मामले कैंसर में नहीं बदलते। एचपीवी 16 और एचपीवी 18 सहित कुछ सबसे खतरनाक उपभेदों से बचने के लिए वैक्सीन भी उपलब्ध है।
गोनोरिया:
गोनोरिया एक प्रकार का जीवाणु एसटीडी है। इसे क्लैप के नाम से भी जाना जाता है। गोनोरिया से ग्रषित कई लोगों में कोई लक्षण नहीं दिखता परन्तु यह रोग बढ़ने पर इसके, लक्षणों में शामिल हैं:
लिंग या योनि से सफेद, पीला, हरे रंग का स्राव होना
सेक्स या पेशाब के दौरान दर्द होना
सामान्य से अधिक पेशाब आना
जननांगों के आसपास खुजली होना
गले में खराश रहना
50% से अधिक संक्रमित महिलाओं में कोई लक्षण नहीं दिखते परन्तु वे दूसरों को यह इन्फेक्शन पहुंचा सकती हैं। यदि इस रोग को अनुपचारित छोड़ दिया जाए तो गोनोरिया निम्न प्रकार की बिमारियों को बढ़ावा देता है:
मूत्रमार्ग, प्रोस्टेट ग्रंथि या अंडकोष में संक्रमण
बांझपन का कारण भी बन सकता है
गोनोरिया का आमतौर पर एंटीबायोटिक दवाओं के साथ इलाज संभव होता है।