हम अपनी निजी ज़िंदगी के बारे में बात करते समय एक दायरे में रहना पसंद करते हैं। सच भी है, हमारी निजी ज़िंदगी सार्वजनिक नहीं होना चाहिए। लेकिन, यौन क्रिया न सिर्फ़ एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, बल्कि हमारे वैवाहिक जीवन का एक संवेदनशील हिस्सा भी है। अत: इसके बारे में बात करना ज़रूरी है।यौन क्रिया के दौरान महिला और पुरूष न केवल शारीरिक रूप से जुड़ते हैं, मानसिक तौर पर भी एक दूसरे के प्रति समर्पण प्रगाढ़ होता है। उनके विचारों और सोच को नये आयाम मिलते हैं। वैवाहिक जीवन का आधार है यौन क्रिया, अत: इसे एक ज़िम्मेदारी की आपूर्ति या संतानोत्पत्ति का कारक मात्र मानना सही नहीं है और यही वजह है कि विवाह के शुरुआती वर्षों में जितना आकर्षण और खिंचाव यौन क्रिया की ओर रहता है, धीरे- धीरे साल दर साल यह स्वाभाविक इच्छा ठंडी होने लगती है। यह सही नहीं है, क्योंकि बहुत से जोड़े यह नहीं जानते कि यौन क्रिया या शारीरिक संबंध मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए भी ज़रूरी है। जिस तरह जीना एक कला है, ठीक उसी तरह संभोग भी एक कला है। इसमें नीरसता और उदासीनता नहीं होना चाहिए। गृहस्थी की गाड़ी को चलाने के लिए जो समर्पण रहता है, वही समर्पण अंतरंग संबंधों के लिए भी होना चाहिए। इसमें कदापि शर्म न महसूस करें।
इन कारणो से आती है रिश्तो में दरार
आवश्यक है चरम सुख की अनुभूति
चरम सुख, यौन क्रिया का अहम् हिस्सा है । सुनने या कहने में यह अजीब-सा लगता है, लेकिन सच है कि यदि आप शारीरिक संबंधों के दौरान चरम सुख की प्राप्ति नहीं करते हैं तो आपका वैवाहिक जीवन भी संक्रमित होता है, अपूर्ण रहता है और इसका असर आपके पारिवारिक जीवन पर भी पड़ता है ।
अधिकांशतः देखा गया है, जवानी से प्रौढ़ावस्था तक पहुँचते-पहुँचते अधिकतर जोड़ों में यौन क्रिया के लिए नीरसता हावी हो जाती है। अब हमारी उम्र हो गयी है, यह धारणा घर करने लगती है। लेकिन, आप नहीं जानते संभोग न करने का असर आपके स्वास्थ्य पर भी पड़ता है।
चरम सुख प्राप्त न कर पाने के कई कारण हैं।
• दोनों में से किसी एक में शारीरिक कमी का होना
• मानसिक तनाव या डिप्रेशन का होना।
• कामकाजी ज़िंदगी की अत्यधिक व्यस्तता
• पति-पत्नी के आपसी संबंधों में खिंचाव या दूरियां
नींद की कमी आपकी सेक्स लाइफ को किस प्रकार प्रभावित कर सकती है
इन वजहों को अपनी निजी ज़िंदगी में हावी न होने दें, क्योंकि अंतरंग संबंधों का चरम सुख, शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है।दिल की बीमारी के लिए लाभदायक है। रोज़ाना संभोग करने से शरीर की प्रतिरक्षा शक्ति भी बढ़ती है, क्योंकि यौन क्रिया के दौरान हार्मोन पैदा होते हैं, जो संक्रमण को कम करते हैं ।
भावनात्मक रूप से हम मज़बूत होते हैं। साथ ही पति-पत्नी के आपसी संबंध प्रगाढ़ होते हैं, तो इसे उम्र की सीमा से मत बांधिए। संकोच मत करिए, शर्माइए नहीं । अपने साथी से खुल कर इच्छा ज़ाहिर करिये।
”डिप्रेशन” आजकल एक गंभीर बीमारी का रूप ले रहा है। संभोग इससे निजात दिलाने में कारगर साबित हो रहा है। लेकिन, संभोग के लिए अप्राकृतिक तरीक़ों का इस्तेमाल ख़तरनाक साबित होता है।
एड्स जैसी ख़तरनाक बीमारियों से बचने के लिये ज़रूरी है कि पूर्णतया सुरक्षित तरीकों से इन आनंद के पलों में चरम सुख की प्राप्ति करें। संभोग में चरम सुख आवश्यक है, अत: इसे अपनी निजी ज़िंदगी का अहम् हिस्सा बनाएं, न कि ख़ानापूर्ति ।