“कुर्सी” वो चीज है, जो राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा देती है तो दफ़्तरों में शान बढ़ाती है। वहीं घर में रौब बढ़ाती है….दादाजी की कुर्सी या पापा की कुर्सी । कहने का तात्पर्य यह है कि इतनी जद्दोजेहद जिसके लिए है, उसकी अहमियत नज़रंदाज़ नहीं की जा सकती और जब अहमियत इतनी है तो उसकी चर्चा भी ज़रूरी है। यूँ तो लकड़ी, प्लास्टिक, लोहे, स्टील – कई तरह की कुर्सियां उपलब्ध हैं। लेकिन आज चर्चा बहुत ही ख़ास कुर्सी की है, वो है …..ऐक्रेलिक कुर्सी । क्या है यह ऐक्रेलिक कुर्सी और क्यों है यह एक बेहतर विकल्प ? चलिए, जानते हैं।
जानें कैसे रखें गर्मियों में अपने घर को ठंडा
क्या है ऐक्रेलिक कुर्सी
सीधे सरल शब्दों में कहा जाए तो ख़ूबसूरती और मज़बूती का मिश्रण है यह ऐक्रेलिक कुर्सी । कांच की ख़ूबसूरती और स्टील की मज़बूती । पारदर्शिता की गुणवत्ता इनकी ख़ासियत है और यही इनके स्तर को ऊंचा कर इन्हें ख़ास बनाता है। ऐक्रेलिक, एक तरह का पारदर्शी थर्मोप्लास्टिक है, जो तक़रीबन 45 डिग्री तापमान तक पिघलता नहीं है। यही इसकी मज़बूती की एक ख़ास वजह भी है।
यहां तक कि सूरज की गर्मी और रोशनी का कोई कुप्रभाव इस पर नहीं पड़ता है। पर्यावरण के हिसाब से भी यह पूरी तरह सुरक्षित हैं। यह कांच की तरह आसानी से तोड़ा नहीं जा सकता, इसलिए ये ज़्यादा मज़बूत है। एक हद तक भार इन पर डाला जा सकता है।
आकर्षण का केन्द्र हैं ऐक्रेलिक कुर्सी
पारदर्शी ख़ूबसूरती की वजह से सभी के आकर्षण का केन्द्र बनती हैं ये ऐक्रेलिक कुर्सी । साथ ही ये खूबसूरत रंगों में उपलब्ध हैं । इसी वजह से किसी भी तरह के फ़र्नीचर के साथ इनका अच्छा तालमेल रहता है। मसलन, लकड़ी, स्टील, कांच सबके साथ इनकी जमती है।
टेबिल चाहे कोई भी हो लकड़ी या स्टील, ऐक्रेलिक कुर्सी से ख़ूबसूरती बढ़ती ही है । आकार-प्रकार की विभिन्नताओं के साथ कहीं गोल तो कहीं छोटी, कहीं लंबी तो कहीं ऊंची ऐक्रेलिक कुर्सियां घर से लेकर दफ़्तर तक हर कहीं शामिल हैं।
पेंटिंग रखती है घरो की सजावट में अहम् योगदान
प्राचीन और नवीन का संगम
विभिन्न रंगों और आकारों में उपलब्ध ऐक्रेलिक कुर्सियां अपने आकर्षक डिज़ाइन की वजह से सबका ध्यान आकर्षित करती हैं । इनकी सबसे बड़ी ख़ासियत यह है कि इन्हें किसी भी आकार – प्रकार में ढाला जा सकता है । आपका कमरा चाहे कितना भी छोटा हो, ये कुर्सियाँ उसमें समाहित हो ही जाती हैं ।
अगर हम इनके डिज़ाइन की बात करें तो परंपरागत प्राचीनता और आधुनिकीकरण का संगम होता है । पुरानी शैली और नवीनता, इनके डिज़ाइन में दोनों समाहित है। आपका घर प्राचीन शैली का हो या आधुनिक, ऐक्रेलिक कुर्सियाँ उसकी ख़ूबसूरती में चार चांद लगाती है ।
बरतनी है कुछ सावधानी
घर के साज-सामान की ख़रीददारी से ज़्यादा ज़रूरी है उनके रख-रखाव में सावधानी बरतना। ये ऐसी जद्दोजहद है, जो ताउम्र रहती है। ऐक्रेलिक कुर्सियों की देखभाल में भी कुछ सावधानियां भी आवश्यक हैं। मसलन, रासायनिक पदार्थों का इन पर दुष्प्रभाव पड़ता है, इनकी साफ़ – सफ़ाई में घातक रासायनिक पदार्थों का इस्तेमाल न करें । नुकीली चीजों के सम्पर्क में भी ऐक्रेलिक कुर्सियों को ना रखें। यूं तो सूरज की तेज रोशनी का इन पर दुष्प्रभाव नहीं पड़ता फिर भी अत्यधिक ताप से दूर रखें ।
घर की सजावट में उसके साजो-सामान की अहम् भूमिका होती है और जब बात ऐक्रेलिक कुर्सियों की हो तो यह भूमिका बहुत ही ख़ास हो जाती है, तो देर किस बात की ! चलें बाज़ार, ऐक्रेलिक कुर्सियों की ख़रीददारी कर अपने घर की ख़ूबसूरती में चार चाँद लगाएं ।