एसटीडी एक प्रकार का यौन संचारित रोग होता हैं। इसका मतलब ये है कि इसके फैलने का अनुमान अधिक हो सकता है परन्तु विशेष रूप से यह संभोग द्वारा फैलता है। एचआईवी, क्लैमाइडिया, जननांग दाद, जननांग मौसा, हेपेटाइटिस, सिफलिस और ट्राइकोमोनिएसिस आदि एसटीडी के प्रकार हैं।
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क्लैमाइडिया क्या है :
क्लैमाइडिया एक आम यौन संचारित रोग है। यह क्लैमाइडिया ट्रैकोमैटिस नामक बैक्टीरिया द्वारा उत्पन्न होता है। यह पुरुषों और महिलाओं दोनों को संक्रमित करता है। महिलाओं को गर्भाशय ग्रीवा, मलाशय, या गले में क्लैमाइडिया होने का खतरा हो सकता है जबकि पुरुषों में यह मूत्रमार्ग (लिंग के अंदर), मलाशय या गले को संक्रमित कर सकता हैं। क्लैमाइडिया नामक जीवाणु संक्रमण रोग को एंटीबायोटिक दवाओं के प्रभाव से सही किया जा सकता है। यह सबसे आम एसटीडी में से एक माना जाता है।अधिकांश लोग जो क्लैमाइडिया से संक्रमित होते हैं उनमें कोई लक्षण नहीं दिखते हैं। अधिकांशतः क्लैमाइडिया के कोई लक्षण दिखाई नहीं देते है यदि दिखाई देते भी हैं तो आमतौर पर संचरण के 1 से 3 सप्ताह के बाद।
पुरुषों में क्लैमाइडिया के आम लक्षण :
- पेशाब के दौरान जलन होना ।
- लिंग से पीले या हरे रंग का स्राव आना ।
- पेट के निचले हिस्से में दर्द होना ।
- अंडकोष में दर्द रहना ।
- गुद क्षेत्र में डिस्चार्ज, दर्द और रक्तस्राव जैसी समस्या ।
- संक्रमित व्यक्ति के साथ मुख मैथुन करने से गले में खराश, खांसी, या बुखार का रहना ।
महिलाओं में क्लैमाइडिया के लक्षण:
- योनि में सूजन रहना।
- योनि से स्राव होना ।
- पेशाब करते समय दर्द या जलन होना ।
- सेक्स के दौरान दर्द होना ।
- सेक्स के दौरान या बाद में रक्तस्राव।
- निचले पेट में दर्द रहना विशेष रूप से सेक्स के समय।
- गुदा में दर्द, डिस्चार्ज या रक्तस्राव।
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क्लैमाइडिया उपचार:
क्लैमाइडिया का इलाज आसान है। क्योकि यह एक प्रकार बैक्टीरियल संक्रमण है अतः इसका इलाज एंटीबायोटिक दवाओं के साथ संभव होताहै। एज़िथ्रोमाइसिन नामंक एंटीबायोटिक का प्रयोग आमतौर पर एक बड़ी डोज के रूप में किया जाता है। डॉक्सीसाइक्लिन एंटीबायोटिक का उपयोग भी अधिकाशतः चिकित्सक एक सप्ताह तक प्रति दिन दो बार करने की सलाह देते हैं। उपचार के समय के दौरान, सेक्स करने से बचना चाहिए।