जिंदगी के सफर में हम अलग- अलग रास्तों से गुजरते हैं। कुछ रास्ते खूबसूरत होते हैं तो कुछ रास्ते मुश्किल भरे होते हैं। हम सभी अपनी जींदगी में स्टडी, करियर और रिलेशनशिप जैसे कई अलग-अलग स्टेज से होकर गुजरते हैं। हर उम्र में इन सभी चीजों की अलग-अलग अहमियत होती है। पढ़ाई हो या करियर या कोई भी रिलेशनशिप, हर स्टेज में उतार-चढ़ाव आता है। रिलेशनशिप की ही बात करें, तो इसमें कई सारे स्टेज आते हैं। दो लोग जो कभी मिलते हैं, दोस्ती होती है, फिर प्यार होता है और एक दिन जीवनसाथी बन जाते हैं। इस बीच इनका रिश्ता काफी सारे पड़ाव से होकर गुजरता है। आइए हम आपको बताते हैं एक रिलेशनशिप के कई फेज या उनके अलग-अलग पड़ाव।
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आकर्षण यानी अट्रेक्शन का फेज
कुछ लोगों को पहली ही नजर में प्यार हो जाता है, तो कुछ लोगों की मिलते ही दोस्ती हो जाती है। इन दोनों ही रिश्तों में इंसान पहली बार ही एक दूसरे को पसंद आ जाता है। इस फेज में दो लोगों के बीच के दूसरे के प्रति आकर्षण रहता है। दो लोग अक्सर एक दूसरे के साथ ही रहना चाहते हैं। यह प्यार का शुरुआती फेज होता है। पर कुछ लोग इसे वासना अवस्था कहते हैं – जब एक युगल को लगता है कि उन दोनों के साथ का यह पल पूरी तरह से आनंददायक पल है और इससे खूबसूरत वक्त कुछ और नहीं हो सकता। दूसरे शब्दों में, यह वह चरण है जब हार्मोन अधिक मात्रा में उत्पादित होते हैं। पर इस फेज के बाद किसी के भी रिश्ते में बहुत बदलाव आ जाते है।
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हनीमून फेज
यह वह चरण है जब आप अपने रिश्ते को बस प्यार के ही नजरिया से देखते हैं। यह वह चरण है जब आप बस अपनी इच्छाओं को रिश्तों में उतारते हैं। कह सकते हैं कि इस फेज में आकर आप प्यार में अंधे हो जाते हैं। यहां आकर आपका रिश्ता वासना की भावनाओं से युक्त हो जाता है। इस दौरामृन लोगों में ऑक्सीटोसिन होर्मोन का उत्पादन बढ़ जाता है।
भावनात्मक फेज
यह वह अवस्था है जब आपको लगता है कि भावनात्मक तीव्रता के साथ एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। आप एक-दूसरे के साथ गहराई से जुड़ाव महसूस करते हैं। यह वह समय है जब आप अपने भविष्य के लिए योजना बनाना शुरू करते हैं। दूसरे शब्दों में, यह वह चरण है जब आप वास्तव में अपने रिश्ते में इफ और बट के आसपास काम करना शुरू करते हैं और उसे आगे बढ़ाने की सोचते हैं। यह असल में वह फेज होता है जब हम अपने रिश्ते को भविष्य में आने वाले चरणों के साथ तौल कर देखते है। अक्सर यहां आकर लोग शादी कर लेते हैं या रिश्ते को खत्म करके किसी स्थाई रिश्ते की ओर बढ़ना चाहते हैं।
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आत्मनिरीक्षण का फेज
आप इसे अपने रिश्ते में मेक-या-ब्रेक स्टेज कह सकते हैं। यह तब होता है जब आप एक-दूसरे के प्रति समर्पण या प्रतिबद्धता की जांच करना शुरू करते हैं। आप अपने रिश्ते में आई दरारें को खोजते हैं और उन्हें ठीक करने का प्रयास करते हैं। मतभेद अधिक दिखाई देने लगते हैं। यदि कोई युगल इस आत्मनिरीक्षण अवस्था में भी जीवित रहता है, तो भविष्य में एक दूसरे के साथ इसी तरह से साथ-साथ चल सकता है। इस चरण के बाद कोई भी जोड़ा फाफी मेच्यौर हो जाता है।
पूर्ण रूप से भरोसे का फेज
अंत में, जीवन भर एक-दूसरे से सीखने, एक-दूसरे को सहन करने और कभी-कभी एक-दूसरे से लड़ने के बाद, आप शांत हो जाते हैं। यह एक-दूसरे पर पूरा विश्वास करने वाला फेज होता है। अब तक, आप परीक्षण और प्रलोभन से भरे रहते हैं और केवल अपने साथी के करीब महसूस करते हैं। भविष्य में आने वाले सुनहरे वर्षों में एक साथ रहने के लिए पूरी तरह तैयार रहते हैं इसके साथ ही बहुत खुश रहते हैं और हर पल का आनंद लेना सीख जाते हैं। आपके रिश्ते में अटूट विश्वास पैदा हो जाता है।
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आप इस बात से खुश होते हैं कि आप कौन हैं और आपका साथी कौन है, आपके बच्चे खुश हैं और परिवार में सब ठीक है। तो अब आपका प्यार वास्तव में जीवित रहेगा और आपके पोते-पोतियों के लिए सुंदर कहानियाँ में से एक बेहतरीन कहानी बन जाएगी।